असेंबली लैंग्वेज क्या है, फायदे और नुकसान – Assembly Language Kya Hai

What Is Assembly Language In Hindi: आज के लेख में हम आपको असेंबली लैंग्वेज के बारे में बताने जा रहे हैं। इस लेख में आप जानेंगे कि असेंबली लैंग्वेज क्या है, असेंबली लैंग्वेज की विशेषताएं क्या हैं, असेंबली लैंग्वेज के फायदे और नुकसान क्या हैं।

यदि आप असेंबली लैंग्वेज के बारे में उपरोक्त सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। तो चलिए इस लेख को शुरू करते है और जानते है की असेंबली भाषा क्या है –

असेम्बली भाषा क्या है? (Assembly Language Kya Hai In Hindi)

असेंबली लैंग्वेज एक लो-लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसे मशीनी लैंग्वेज में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए विकसित किया गया था।

जैसा कि आप जानते होंगे कि कंप्यूटर केवल मशीनी भाषा को ही समझ सकते हैं जिसमें बाइनरी कोड (0 और 1) का उपयोग किया जाता है। हम इंसानों के लिए इतने सारे नंबर याद रखना बहुत मुश्किल था।

इस समस्या को दूर करने के लिए असेंबली लैंग्वेज का निर्माण किया गया। असेंबली लैंग्वेज में नंबरों के स्थान पर मेनेमोनिक कोड का उपयोग किया जाता है, जो अंग्रेजी भाषा या संकेतों में लिखे जाते हैं। जिसकी वजह से इंसानों के लिए इन कमांड्स को याद रखना आसान था।

लेकिन कंप्यूटर केवल मशीनी लैंग्वेज को ही समझ सकता है, इसलिए असेंबली लैंग्वेज को असेंबलर सॉफ्टवेयर द्वारा मशीनी लैंग्वेज में ट्रांसलेट किया जाता है।

असेम्बली भाषा दूसरी पीढ़ी की भाषा है। कंप्यूटर की पहली पीढ़ी की भाषा मशीनी भाषा है, फिर दूसरी असेंबली भाषा और तीसरी पीढ़ी की भाषा उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाएँ हैं जैसे C++, Java, HTML आदि।

असेंबली लैंग्वेज के उदाहरण (Examples Of Assembly Language In Hindi)

अगर आप हेलो दुनिया को असेंबली लैंग्वेज में लिखते हैं तो यह कुछ इस तरह से होगा –

<!– Wp:code –>
<Pre Class=”Wp-Block-Code”><Code>Global _main
Extern _printf
Section .Text
_main:
Push Message
Call _printf
Add Esp, 4
Ret
Message:
Db ‘Hello, Duniya!’, 10, 0</Code></Pre>
<!– /Wp:code –>

असेम्बलर क्या है? (What Is Assembler In Hindi)

असेंबलर एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो असेंबली लैंग्वेज को मशीनी लैंग्वेज में ट्रांसलेट करता है। आप असेंबलर को लैंग्वेज ट्रांसलेटर की तरह समझ सकते हैं।

जिस प्रकार मशीनी लैंग्वेज के प्रोग्राम को बाइनरी कोड कहते हैं, उसी प्रकार असेम्बल लैंग्वेज में लिखे प्रोग्राम (सोर्स कोड) को मेनेमोनिक कोड कहते हैं।

असेम्बली लैंग्वेज के प्रकार (Types Of Assembly Language In Hindi)

मुख्य रूप से, असेंबली लैंग्वेज चार प्रकार की होती है:

  • RISC (Reduced Instruction-Set Computer
  • DSP (Digital Signal Processor)
  • CISC (Complex Instruction Set Computer)
  • VLIW (Very Long Instruction Word)

असेंबली लैंग्वेज की विशेषताएं (Features Of Assembly Language In Hindi)

असेंबली लैंग्वेज की विशेषताएं निम्नलिखित हैं –

  • मेनेमोनिक कोड का प्रयोग असेंबली लैंग्वेज में किया जाता है।
  • असेम्बली भाषा को मशीनी भाषा में अनुवाद करने के लिए असेम्बलर की आवश्यकता होती है।
  • असेंबली भाषा एक लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।
  • असेंबली लैंग्वेज में त्रुटि का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

असेंबली लैंग्वेज के फायदे (Advantage Of Assembly Language In Hindi)

असेंबली लैंग्वेज के कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं –

  • असेंबली लैंग्वेज जटिल कार्यों को सरल तरीके से रन करने की परमिशन देती है।
  • असेंबली लैंग्वेज का निष्पादन तेजी से होता है। यह फ़ास्ट लैंग्वेज है।
  • असेम्बली भाषा में कम निर्देशों में परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
  • असेंबली लैंग्वेज का इस्तेमाल महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए किया जाता है।
  • असेंबली लैंग्वेज का उपयोग करने से निर्देशों में त्रुटि की संभावना कम होती है।
  • असेंबली लैंग्वेज में त्रुटियों का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

असेंबली लैंग्वेज के नुकसान (Disadvantages Of Assembly Language In Hindi)

असेंबली लैंग्वेज के कुछ नुकसान भी हैं जो इस प्रकार हैं –

  • असेंबली लैंग्वेज के सिंटेक्स को समझना बहुत मुश्किल है।
  • असेंबली लैंग्वेज जटिल है, इसे समझना इतना आसान नहीं है।
  • असेंबली लैंग्वेज पोर्टेबल नहीं है, अलग-अलग कंप्यूटरों के लिए असेंबली लैंग्वेज भी अलग-अलग होती है।
  • असेंबली लैंग्वेज में लंबे प्रोग्राम चलाने के लिए अधिक कंप्यूटर मेमोरी की आवश्यकता होती है।

असेंबली लैंग्वेज का उपयोग कहाँ किया जाता है?

वर्तमान में, असेंबली भाषा का उपयोग आमतौर पर हार्डवेयर मनीपुलेशन और संग्रहीत डेटाबेस तक पहुँचने के लिए किया जाता है। माइक्रोप्रोसेसर को भी आमतौर पर असेंबली लैंग्वेज का उपयोग करके प्रोग्राम किया जाता है।

असेंबली लैंग्वेज का उपयोग प्रोग्रामिंग कोड तैयार करने और विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर बनाने के लिए भी किया जाता है। इनका उपयोग कंप्यूटर के काम करने के तरीके में बदलाव करने के लिए किया जाता है।

इसकी सहायता से कम्प्यूटरों को उचित निर्देश दिये जाते हैं और ये निर्देश असेम्बली कोड के इन मेनेमोनिक कोड के माध्यम से दिये जाते हैं।

मेनेमोनिक कोड की मदद से कंप्यूटर को उचित इनपुट प्रदान करके उचित आउटपुट प्राप्त किया जाता है और इसकी कार्य करने के तरीकों में अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन किया जा सकता है।

मशीनी भाषा क्या है? (What Is Machine Language In Hindi)

प्रोग्रामर हाई लेवल लैंग्वेज में कंप्यूटर प्रोग्राम लिखता है। इन लैंग्वेज के सिंटेक्स बहुत आसान होते है और इन्हें आसानी से समझा जा सकता है, ये अंग्रेजी भाषा की तरह हैं। हाई लेवल लैंग्वेज के उदाहरण – C, C++, JAVA, Python आदि।

लेकिन जो सीपीयू होता है वो इन प्रोग्राम या सोर्स कोड को समझ नहीं पाता है। इसलिए हाई लेवल लैंग्वेज के प्रोग्रामों को मशीनी भाषा में बदलने की आवश्यकता होती है। इन्हें बदलने के लिए कम्पाइलर या इंटरप्रेटर का प्रयोग किया जाता है।

मशीन भाषा को हम मशीन कोड भी कहते हैं। इसमें बाइनरी अंक (0 और 1) होते हैं।

मशीनी भाषा और असेम्बली भाषा में अंतर (Difference Between Machine Language And Assembly Language In Hindi)

मशीनी लैंग्वेज और असेंबली लैंग्वेज में अंतर हमने आपको नीचे टेबल के जरिए बताया है –

  • मशीनी भाषा एक निम्न स्तरीय भाषा है। असेंबली लैंग्वेज एक लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।
  • कंप्यूटर सीधे मशीनी भाषा को एक्सेक्यूट करता है। कंप्यूटर असेंबली लैंग्वेज को सीधे एक्सेक्यूट नहीं करता है। असेम्बली द्वारा असेम्बली भाषा का मशीनी भाषा में अनुवाद किया जाता है।
  • मशीनी भाषा में बाइनरी अंकों का प्रयोग होता है जो 0 और 1 के रूप में होता है। असेम्बली भाषा में सिंटेक्स का प्रयोग होता है, जो अंग्रेजी भाषा के समान होते है।
  • मशीन भाषा पहली पीढ़ी की भाषा है। असेम्बली भाषा दूसरी पीढ़ी की भाषा है।
  • मशीनी लैंग्वेज में मनुष्य के लिए बाइनरी कोड को याद रखना बहुत मुश्किल होता है। प्रोग्रामर असेंबली लैंग्वेज में कमांड को आसानी से याद रख सकता है।
  • मशीनी भाषा को बदला नहीं जा सकता। असेंबली लैंग्वेज को संशोधित करना आसान है।
  • मशीनी भाषा को मनुष्य नहीं समझ सकते, केवल कम्प्यूटर ही इसे समझ सकते हैं। असेम्बली भाषा को मनुष्य द्वारा समझा और अप्लाई किया जा सकता है।

FAQs

असेम्बलर का कार्य क्या हैं?
असेम्बलर का उपयोग असेम्बली भाषा को मशीनी भाषा में अनुवादित करने के लिए किया जाता है।

असेम्बली भाषा किस स्तर की भाषा है?
असेंबली भाषा एक लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।

असेंबली लैंग्वेज को मशीनी लैंग्वेज में कैसे ट्रांसलेट किया जाता है?
असेंबली लैंग्वेज को असेंबलर सॉफ्टवेयर द्वारा मशीनी लैंग्वेज में ट्रांसलेट किया जाता है।

असेंबली लैंग्वेज को किस सॉफ्टवेयर द्वारा मशीनी लैंग्वेज में ट्रांसलेट किया जाता है?
असेंबली लैंग्वेज को असेंबलर सॉफ्टवेयर द्वारा मशीनी लैंग्वेज में ट्रांसलेट किया जाता है।

क्या असेंबली लैंग्वेज कठिन है?
हाँ असेंबली लैंग्वेज जटिल है, इसे समझना इतना आसान नहीं है।

असेम्बली लैंग्वेज किस पीढ़ी की भाषा है।
असेम्बली लैंग्वेज दूसरी पीढ़ी की भाषा है।

मशीनी लैंग्वेज किस पीढ़ी की भाषा है।
मशीनी भाषा पहली पीढ़ी की भाषा है।

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लेख के बारे में

इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया है कि असेंबली लैंग्वेज क्या होती है। साथ ही इस लेख में हमने आपको असेंबली लैंग्वेज से जुड़ी बहुत सी जानकारी भी दी है। एक प्रोग्रामर के लिए असेंबली लैंग्वेज को समझना बहुत जरूरी है।

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