मैलवेयर क्या है? और कैसे फैलता है मैलवेयर? – (What is Malware In Hindi)

What is Malware In Hindi: आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहां इंटरनेट तकनीक दिन-ब-दिन विकसित हो रही है। एक तरफ जहां अच्छे कामो के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ कई लोग तकनीक का गलत इस्तेमाल कर लोगों को ठगते हैं। या साइबर क्राइम जैसी हरकतें करते हैं।

इन साइबर अपराधों को बढ़ाने में मैलवेयर सबसे अहम भूमिका निभाता है। ये ऐसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर होते हैं जो नेटवर्क के जरिए यूजर के कंप्यूटर को गलत तरीके से एक्सेस करते हैं और फिर यूजर का डेटा चुरा लेते हैं।

आज के समय में हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन, लैपटॉप या कंप्यूटर है जिसके जरिए वह इंटरनेट का इस्तेमाल करता है। अधिकांश मैलवेयर इंटरनेट के माध्यम से उपयोगकर्ता के डिवाइस में प्रवेश करते हैं, इसलिए प्रत्येक इंटरनेट उपयोगकर्ता को मैलवेयर से अवगत होना चाहिए।

इस लेख में आप जानेंगे कि मैलवेयर क्या है, मैलवेयर के प्रकार, मैलवेयर का इतिहास, अपने कंप्यूटर में मैलवेयर का पता कैसे लगाएं और कंप्यूटर को मैलवेयर से कैसे बचाएं। यह सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको इस लेख के अंत तक बने रहना होगा। तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते हैं और जानते हैं कि मालवेयर क्या –

मैलवेयर क्या है? (What is Malware In Hindi)

मैलवेयर, जिसे मालिसियस सॉफ़्टवेयर भी कहा जाता है। मालिसियस सॉफ़्टवेयर का एक समूह है जो कंप्यूटर सिस्टम और कंप्यूटर सिस्टम में स्थापित अन्य सॉफ़्टवेयर को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया है। सामान्य मैलवेयर के उदाहरणों में वायरस, वर्म्स, ट्रोजन वायरस, स्पाईवेयर, एडवेयर, रैंसमवेयर आदि शामिल हैं।

मैलवेयर एक फ़ाइल या कोड हो सकता है जिसे एक नेटवर्क के माध्यम से कंप्यूटर सिस्टम तक पहुँचाया जाता है। कंप्यूटर सिस्टम में मैलवेयर के प्रवेश से उस सिस्टम के प्रदर्शन में गिरावट आती है और साथ ही कंप्यूटर सिस्टम में कई त्रुटि संदेश देखे जा सकते हैं।

मैलवेयर में आमतौर पर साइबर हमलावरों द्वारा विकसित कोड होता है, जिसे कंप्यूटर सिस्टम और डेटा को नुकसान पहुंचाने और नेटवर्क तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मैलवेयर आमतौर पर ईमेल पर एक लिंक या फ़ाइल के रूप में डिलीवर किया जाता है और जब उपयोगकर्ता उस लिंक पर क्लिक करता है या फ़ाइल खोलता है, तो मैलवेयर उपयोगकर्ता के सिस्टम में प्रवेश करता है।

मैलवेयर की परिभाषा क्या है? (What Is Definition Of Malware In Hindi)

मैलवेयर कंप्यूटर सिस्टम और उपयोगकर्ता के व्यक्तिगत डेटा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से साइबर अपराधियों द्वारा विकसित मालिसियस सॉफ़्टवेयर है।

मालवेयर का फुल फॉर्म क्या है? (What Is Malware Full Form In Hindi)

मालवेयर का फुल फॉर्म मालिसियस सॉफ़्टवेयर होता है जिसे हिंदी में दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर कहा जाता है।

मैलवेयर की उत्पत्ति (History Of Malware In Hindi)

दुनिया का पहला वायरस क्रीपर था जिसे 1970 के दशक में ARPANET नेटवर्क पर खोजा गया था। इस वायरस को बॉब थॉमस द्वारा विकसित किया गया था और TENEX ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से फैलाया था। इस वायरस ने कंप्यूटर को संक्रमित करने के बाद स्क्रीन पर “आई एम द क्रीपर कैच मी इफ यू कैन” संदेश प्रदर्शित किया।

इसके बाद 1982 में सार्वजनिक रूप से ज्ञात वायरस एल्क क्लोनर आया, इसे रिच स्क्रेंटा द्वारा विकसित किया गया था। धीरे-धीरे अलग-अलग तरह के वायरस बनने लगे जो एक अनोखे तरीके से कंप्यूटर को संक्रमित करते हैं।

मैलवेयर के प्रकार क्या है? (Types Of Malware In Hindi)

मैलवेयर कई प्रकार के हो सकते हैं, हमने आपको कुछ प्रमुख प्रकार के मैलवेयर के बारे में नीचे बताया है –

वायरस

वायरस सबसे आम प्रकार के मैलवेयर हैं। वायरस किसी भी मालिसियस कोड को सिस्टम के किसी भी सॉफ़्टवेयर के क्लीन कोड से जोड़ते हैं और उपयोगकर्ता के निष्पादित होने की प्रतीक्षा करते हैं।

जब तक उपयोगकर्ता फ़ाइल को खोलता या डाउनलोड नहीं करता तब तक वायरस निष्क्रिय रहता है, लेकिन एक बार जब उपयोगकर्ता प्रोग्राम को निष्पादित करके वायरस को सक्रिय करता है, तो ये वायरस कंप्यूटर की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं। किसी भी बायोलॉजिकल वायरस की तरह वायरस बहुत तेजी से फैलते हैं। और डेटा को नुकसान पहुंचाते है।

वर्म्स

वर्म्स मैलवेयर होते हैं जो नेटवर्क के भीतर बहुत तेजी से फैलते हैं। यदि नेटवर्क से जुड़ा कोई कंप्यूटर वर्म्स से संक्रमित हो जाता है, तो ये वर्म्स तेजी से नेटवर्क में खुद को कॉपी कर लेते हैं और अन्य उपकरणों को भी संक्रमित कर देते हैं।

वर्म्स एक डाउनलोड की गई फ़ाइल के माध्यम से नेटवर्क में प्रवेश कर सकते हैं, और वायरस की तरह ही नेटवर्क से जुड़े उपकरणों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं।

स्पाइवेयर

स्पाइवेयर, जैसा कि नाम से पता चलता है, इस प्रकार के मैलवेयर को उपयोगकर्ता की जासूसी करने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह कंप्यूटर के बैकग्राउंड में गुपचुप तरीके से चलता है और यूजर को इसकी जानकारी नहीं होती है।

कंप्यूटर सिस्टम जिसमें स्पाइवेयर होता है, उस सिस्टम का पूरा रिकॉर्ड उसके मालिक (यानी स्पाइवेयर बनाने वाले) को भेजता है। स्पाइवेयर का इस्तेमाल अक्सर वित्तीय और व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए किया जाता है। स्पाइवेयर उपयोगकर्ता के सिस्टम से पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड विवरण और अन्य संवेदनशील जानकारी चुराता है।

ट्रोजन

ट्रोजन एक छिपे हुए हमलावर की तरह होते हैं। इस प्रकार के मैलवेयर कंप्यूटर में वैध सॉफ़्टवेयर के रूप में खुद को छुपा कर रखते हैं और उपयोगकर्ता और कंप्यूटर की संवेदनशील जानकारी को चुरा लेते हैं। ट्रोजन किसी भी डिवाइस के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। ये कंप्यूटर की परफॉर्मेंस को काफी खराब कर देते हैं।

रैंसमवेयर

रैंसमवेयर भी बहुत दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर है जो सिस्टम के अंदर किसी भी सेंसिटिव इनफार्मेशन को प्राप्त करता है और फिर इसे एन्क्रिप्ट करता है ताकि उपयोगकर्ता इसे एक्सेस न कर सकें। इसके बाद रैंसमवेयर से डेटा अनलॉक करने के लिए पेमेंट करना होगा।

रैंसमवेयर को स्केयरवेयर के रूप में भी जाना जाता है जो फ़िशिंग घोटाले का एक हिस्सा है। रैंसमवेयर आमतौर पर उपयोगकर्ता के सिस्टम में एक अविश्वसनीय लिंक पर क्लिक करने से आता है।

एडवेयर

एडवेयर मैलवेयर है जिसे उपयोगकर्ता के कंप्यूटर डेटा एकत्र करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि उपयोगकर्ता को उपयुक्त विज्ञापन दिखाया जा सके। सभी एडवेयर हमेशा खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन कभी-कभी वे सिस्टम में कई समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जैसे ब्राउज़र को असुरक्षित वेबसाइटों पर रीडायरेक्ट करना, सिस्टम को धीमा करना आदि।

कैसे फैलता है मैलवेयर?

इंटरनेट के शुरुआती दिनों में, जब वर्ल्ड वाइड वेब इतना लोकप्रिय नहीं था, सिस्टम में मैलवेयर पहुंचाने के लिए बाहरी उपकरणों जैसे फ़्लॉपी डिस्क, सीडी रोम आदि का उपयोग किया जाता था।

लेकिन आधुनिक समय में मालवेयर को ईमेल, सोशल मीडिया मैसेज, फाइल डाउनलोडिंग आदि के जरिए डिलीवर किया जाता है। जब उपयोगकर्ता कार्रवाई करता है तो अधिकांश मैलवेयर सिस्टम में सक्रिय हो जाते हैं।

उदाहरण के लिए, स्पैमी ईमेल में किसी लिंक पर क्लिक करके, अविश्वसनीय वेबसाइटों से फ़ाइलें डाउनलोड करके, सोशल मीडिया पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए संदेश में फ़ाइलें खोलकर। प्रत्येक मैलवेयर का सिस्टम में घुसपैठ करने का अपना अलग तरीका होता है।

मैलवेयर से अपने सिस्टम को कैसे बचाएं?

अपने कंप्यूटर सिस्टम को मैलवेयर से बचाने के लिए यहां कुछ बाते बताई गई हैं जिन्हें आप ध्यान में रख सकते हैं –

  • अपने कंप्यूटर सिस्टम पर एक विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर स्थापित करें और उसे अपडेट करते रहें।
  • अगर आप इंटरनेट से कोई भी फाइल जैसे गाने, मूवी आदि डाउनलोड करना चाहते हैं तो उसे विश्वसनीय वेबसाइटों से ही डाउनलोड करें।
  • आपको अपने वेब ब्राउजर में कई लुभावने विज्ञापन देखने को मिल सकते हैं, आपको इन लुभावने विज्ञापनों से दूर रहना चाहिए, इन विज्ञापनों पर क्लिक न करें।
  • कोई भी अवांछित और अविश्वसनीय ईमेल न खोलें, भले ही आप खोलें, उसमें दिए गए लिंक पर क्लिक न करें।
  • किसी अज्ञात स्रोत से कोई भी फाइल न खोलें।
  • अपने कंप्यूटर सिस्टम में फ़ायरवॉल स्थापित करें, यह कंप्यूटर और इंटरनेट के बीच एक दीवार के रूप में कार्य करता है और कंप्यूटर को किसी भी प्रकार के मैलवेयर से मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है।
  • किसी भी बाहरी डिवाइस जैसे पैन ड्राइव, यूएसबी आदि को कंप्यूटर में इंस्टॉल करने से पहले उसे स्कैन कर लें। अगर आप एंटीवायरस का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आपको कोई बाहरी डिवाइस इंस्टॉल करने से बचना चाहिए।
  • अपने कंप्यूटर के महत्वपूर्ण डेटा को एक मजबूत पासवर्ड से सुरक्षित रखें।

कैसे पता लगाएं मैलवेयर का?

यदि मैलवेयर आपके कंप्यूटर सिस्टम में प्रवेश कर गया है, तो आप इसका तुरंत पता नहीं लगा सकते, क्योंकि यह धीरे-धीरे पूरे सिस्टम में फैल जाता है। यदि आपके कंप्यूटर सिस्टम में मैलवेयर है तो आपके कंप्यूटर में निम्न गतिविधियां हो सकती हैं –

  • बहुत धीमा कंप्यूटर चल रहा है।
  • कंप्यूटर में कोई भी सॉफ्टवेयर खोलने पर त्रुटि संदेश दिखा रहा है।
  • कंप्यूटर में मौजूद फाइलों का स्वत: डिलीट होना।
  • प्रोग्राम को कंप्यूटर में लोड होने में अधिक समय लगता है।
  • काम करते समय कंप्यूटर बंद हो जाता है।

ये कंप्यूटर में मैलवेयर होने के कुछ लक्षण हैं। अगर आपके कंप्यूटर में भी ऐसी गतिविधियां हो रही हैं तो संभव है कि मैलवेयर आपके कंप्यूटर में घुस गया हो।

मैलवेयर कैसे हटाएं?

अगर आपके कंप्यूटर सिस्टम में मैलवेयर घुस गया है, तो आपको इसे जल्द से जल्द हटाने के लिए कदम उठाने होंगे, नहीं तो यह मैलवेयर आपके सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

मैलवेयर को हटाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आपके कंप्यूटर पर एक विश्वसनीय एंटीवायरस स्थापित हो। आपको हमेशा पेड एंटीवायरस इंस्टॉल करना चाहिए। फ्री एंटीवायरस आपको ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।

जब आपने एंटीवायरस इंस्टॉल कर लिया है, उसके बाद अपने कंप्यूटर सिस्टम का पूरा स्कैन करें। इसके बाद आपके सिस्टम से मैलवेयर हटा दिया जाएगा।

एंटी मालवेयरक्या है? (What Is Anti Malware In Hindi)

एंटी मालवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर सिस्टम से दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर यानी मैलवेयर को हटाने का काम करता है। एंटी-मैलवेयर सिस्टम को स्कैन करता है, मैलवेयर का पता लगाता है और फिर उसे खत्म कर देता है।

मैलवेयर और वायरस के बीच अंतर

बहुत से लोग मैलवेयर और वायरस को एक ही चीज समझने की गलती करते हैं, लेकिन वास्तव में ये दोनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं। हम आपको नीचे टेबल के जरिए मालवेयर और वायरस में अंतर बता रहे है।

मैलवेयर शब्द का प्रयोग विभिन्न दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर के समूह का वर्णन करने के लिए किया जाता है। वायरस एक प्रकार का दुर्भावनापूर्ण कोड है जिसका उपयोग कंप्यूटर को संक्रमित करने के लिए किया जाता है।

मैलवेयर में विभिन्न प्रकार के दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर जैसे वर्म्स, एडवेयर, स्पाइवेयर, ट्रोजन, वायरस आदि शामिल हैं। वायरस स्वयं मैलवेयर का एक हिस्सा है।

मैलवेयर से निपटने के लिए एंटी-मैलवेयर की आवश्यकता पड़ती है। वायरस से निपटने के लिए एंटी-वायरस की आवश्यकता पड़ती है।

FAQs

मैलवेयर के प्रकार क्या है?
मैलवेयर कई प्रकार के हो सकते है। जिनके बारे में हमने ऊपर बताया है।

मैलवेयर की परिभाषा क्या है?
मैलवेयर कंप्यूटर सिस्टम और उपयोगकर्ता के व्यक्तिगत डेटा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से साइबर अपराधियों द्वारा विकसित मालिसियस सॉफ़्टवेयर है।

मैलवेयर क्या हैं?
मैलवेयर एक सॉफ्टवेयर है जो एक नेटवर्क के माध्यम से सिस्टम में प्रवेश करता है और फिर उस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है।

मालवेयर का पूरा नाम क्या है?
मालवेयर का पूरा नाम मालिसियस सॉफ्टवेयर है।

मैलवेयर का उदाहरण क्या हैं?
मैलवेयर के उदाहरण वायरस, वर्म्स, ट्रोजन वायरस, स्पाईवेयर, एडवेयर, रैंसमवेयर आदि हैं।

दुनिया का पहला वायरस कौन सा था?
दुनिया का पहला वायरस क्रीपर था।

मैलवेयर कौन बनाता है?
मैलवेयर वायरस आमतौर पर साइबर अपराधियों द्वारा बनाए जाते हैं।

मैलवेयर वायरस क्यों बनाए जाते हैं?
मैलवेयर वायरस आमतौर पर साइबर अपराधियों द्वारा बनाए जाते हैं। इनके मैलवेयर बनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को धोखा देना, लोगों की निजी जानकारी चुराना, किसी की जासूसी करना या किसी अन्य प्रकार के साइबर अपराध को अंजाम देना है।

मालवेयर क्या है दो उदाहरण दीजिए?
मैलवेयर एक सॉफ्टवेयर है जो एक नेटवर्क के माध्यम से सिस्टम में प्रवेश करता है और फिर उस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। उदाहरण वायरस, वर्म्स, ट्रोजन वायरस, स्पाईवेयर, एडवेयर, रैंसमवेयर आदि हैं।

डिवाइस को मालवेयर से कैसे बचाते हैं?
डिवाइस को मालवेयर से बचाने के लिए एंटी-मैलवेयर का इस्तेमाल करते है।

लेख के बारे में

इस लेख (What is Malware In Hindi) के माध्यम से हमने जाना कि मैलवेयर क्या है और कितने प्रकार के होते हैं। इसके साथ ही हमने आपको कंप्यूटर सिस्टम को मैलवेयर से सुरक्षित रखने के तरीके बताए हैं। अगर आप कभी भी अपने कंप्यूटर सिस्टम में मैलवेयर अटैक नहीं चाहते हैं, तो आपको अपने कंप्यूटर सिस्टम में एक विश्वसनीय एंटीवायरस जरूर इंस्टॉल करना चाहिए।

आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख (What is Malware In Hindi) पसंद आया होगा। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें ताकि उन्हें भी अपने कंप्यूटर को मैलवेयर से सुरक्षित रखने के बारे में उपयोगी जानकारी मिल सके।

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