स्कैनर क्या है? कैसे काम करता है? प्रकार – Scanner Kya Hota Hai

What Is Scanner In Hindi: आज के समय में आप सभी कंप्यूटर स्कैनर और प्रिंटर जैसे उपकरणों से परिचित होंगे। लेकिन आज के समय में भी बहुत से लोगों को स्कैनर के बारे में सही जानकारी नहीं है वे नहीं जानते कि स्कैनर क्या होता है।

आज के लेख के माध्यम से स्कैनर क्या है, स्कैनर कैसे काम करता है, स्कैनर के प्रकार क्या है, स्कैनर के उपयोग क्या है और स्कैनर के फायदे और नुकसान क्या है के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।

इस लेख को पढ़ने के बाद आपको स्कैनर से संबंधित कोई अन्य लेख पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्योंकि इस लेख में आपको सारी जानकारी यही मिलने वाली है।

तो बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते है की स्कैनर क्या होता (Scanner Kya Hota Hai)

स्कैनर क्या है? (Scanner Kya Hai In Hindi)

स्कैनर कंप्यूटर का एक इनपुट डिवाइस है, जिसकी मदद से किसी हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदलकर कंप्यूटर में सेव किया जा सकता है।

स्कैनर की सहायता से किसी पेपर पर लिखे टेक्स्ट या इमेज, ग्राफिक या कैरेक्टर को स्कैन करके कंप्यूटर में स्टोर किया जाता है।

स्कैनर प्रिंटर के ठीक विपरीत काम करते हैं। जिस प्रकार कंप्यूटर में सहेजे गए दस्तावेज़ को प्रिंटर के माध्यम से हार्ड कॉपी में बदला जा सकता है। इसी तरह स्कैनर की मदद से हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदल सकते हैं।

स्कैनर किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ को स्कैन करने में सक्षम है। यह कलर और ब्लैक-वाइट दोनों प्रकार के इमेज या डॉक्युमनेट को स्कैन कर सकता है। कंप्यूटर में सेव डॉक्यूमेंट को स्कैनर के जरिए एडिट किया जा सकता है।

स्कैनर की परिभाषा (Definition Of Scanner In Hindi)

स्कैनर एक कंप्यूटर इनपुट डिवाइस है जिसके द्वारा किसी भी दस्तावेज़, छवि और टेक्स्ट को स्कैन किया जाता है। और स्कैन किये हुए डाटा को कंप्यूटर में सेव किया जाता है।

स्कैनर का हिंदी में मतलब (Meaning Of Scanner In Hindi)

स्कैनर का हिंदी में मतलब होता है -चित्रान्वीक्षक। जिसे अंग्रेजी में स्कैनर कहते हैं।

स्कैनर की हिस्ट्री (History Of Scanner In Hindi)

स्कैनर को सबसे पहले साल 1957 में एक अमेरिकी कंपनी नेशनल ब्यूरो ऑफ़ स्टैंडर्ड्स में बनाया गया था। इस टीम को रसेल ए किर्श लीड कर रहे थे। यह एक ड्रम स्कैनर था।

इस स्कैनर में पहली तस्वीर रसेल ए किर्श के 3 महीने के बेटे की ली गई थी। और यह काला और सफेद था। बाद में स्कैनर में और संशोधन किए गए और इसमें कलर इमेज को भी स्कैन किया जा सकता है।

1975 में रे कुर्जावेली ने पहला फ्लैटबेड स्कैनर बनाया। आज के स्कैनर बहुत आधुनिक हैं और तकनीक से लैस हैं।

स्कैनर कैसे काम करता है? (How Does Scanner Work In Hindi)

स्कैनर USB केबल के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़ा होता है। आधुनिक स्कैनर वायरलेस भी होते हैं जो ब्लूटूथ के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़ते हैं।

स्कैनर के काम करने के लिए सबसे पहले कंप्यूटर में स्कैनर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना होता है। इसके बाद हार्ड कॉपी को स्कैनर में रखा जाता है। जिसे स्कैनर स्कैन कर कंप्यूटर में स्टोर कर लेता है।

यूजर कंप्यूटर में स्टोर किये गये डॉक्यूमेंट को अपने हिसाब से एडिट कर सकता है।

स्कैनर के प्रकार (Types Of Scanner In Hindi)

स्कैनर कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ की चर्चा इस लेख में की गई है –

फ्लैटबैड स्कैनर (Flatbed Scanner)

फ्लैटबेड स्कैनर सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले स्कैनर हैं। जिनका इस्तेमाल ऑफिस, घर हर जगह किया जाता है। इसमें एक कांच की सतह होती है जिस पर इमेज या कोई पेपर रखा जाता है। और इसके ऊपर एक ढक्कन होता है। इसमें फोटो, पेपर और किताबों को भी स्कैन किया जा सकता है। फ्लैटबेड स्कैनर में एक क्लिक से किसी भी दस्तावेज को स्कैन किया जा सकता है।

शीटफेड स्कैनर (Sheet Fed Scanner)

फ्लैटबेड स्कैनर की तुलना में शीटफेड स्कैनर आसानी से अधिक पेपर स्कैन कर सकते हैं। शीटफेड स्कैनर का डिजाइन ऐसा होता है कि इसमें ट्रे होती है जिसमें पेपर डालना और निकालना होता है। अपने डिजाइन के कारण, ये स्कैनर उन कागजों को स्कैन करने में असमर्थ होते हैं जो उनकी ट्रे से बड़े आकार के होते हैं।

ड्रम स्कैनर (Drum Scanner)

ड्रम स्कैनर इमेज और टेक्स्ट दोनों को स्कैन करता है। ड्रम स्कैनर की पिक्चर क्वालिटी बहुत हाई लेवल की होती है और इस स्कैनर की कीमत भी बहुत ज्यादा होती है। इसका उपयोग उस कंपनी द्वारा किया जाता है जो किताबें, पत्रिकाएँ और समाचार पत्र छापती है। इस स्कैनर का आविष्कार सबसे पहले किया गया था।

हैण्डहेल्ड स्कैनर (Handheld Scanner)

हैंडहेल्ड स्कैनर का उपयोग छोटी छवियों और पेपर को स्कैन करने के लिए किया जाता है। इसमें किसी बड़े पेपर को भी स्कैन किया जा सकता है। हैंडहेल्ड स्कैनर स्वयं पूरे पेपर को स्कैन करने में सक्षम नहीं होते हैं। पेपर को स्कैन करने के लिए पेपर पर धीरे-धीरे आगे बढ़ाना होता है।

फिल्म स्कैनर (Film Scanner)

फिल्म स्कैनर को स्लाइड या ट्रांसपेरेंसी स्कैनर कहा जाता है। ये स्कैनर फिल्म के माध्यम से प्रकाश की एक सूक्ष्म किरण पर ध्यान केंद्रित करके काम करते हैं और प्रकाश की तीव्रता और रंग को पढ़ते हैं। इसमें एक कैरियर के अंदर 6 फ्रेम और 4 स्लाइड की फिल्म स्ट्रिप डाली जाती है। इसके बाद इसे मोटर द्वारा मूव किया जाता है। स्कैनर में लेंस और सीसीडी सेंसर भी लगा होता है।

रोलर स्कैनर (Roller Scanner)

रोलर स्कैनर में स्कैनिंग एलीमेंट और रोलर के बीच एक फ्लैट शीट होती है। इसका उपयोग सिंगल शीट को स्कैन करने के लिए किया जाता है।

3D स्कैनर (3D Scanner)

3D स्कैनर का उपयोग 3D ऑब्जेक्ट को स्कैन करने के लिए किया जाता है।

बायोमेट्रिक स्कैनर (Biometric Scanner)

उंगलियों को स्कैन करने के लिए बायोमेट्रिक स्कैनर का इस्तेमाल किया जाता है।

ग्रहीय स्कैनर (Planetary Scanner)

प्लैनेटरी स्कैनर्स का उपयोग बिना किसी भौतिक संपर्क के संवेदनशील और नाजुक वस्तुओं को स्कैन करने के लिए किया जाता है।

प्रोडक्शन स्कैनर (Production Scanner)

प्रोडक्शन स्कैनर का उपयोग उन व्यवसायों में किया जाता है जहां दैनिक आधार पर कई दस्तावेज़ स्कैन किए जाते हैं। ये स्कैनर बहुत तेज और बहुत महंगे होते हैं। इसमें एक फीड डिवाइस है जिसके जरिए दस्तावेजों को बहुत तेजी से स्कैन किया जा सकता है।

ऑप्टिकल करैक्टर रिकॉग्निशन (Optical Character Recognition)

ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (OCR) का उपयोग किसी विशेष प्रकार के कैरेक्टर को पहचानने या पढ़ने के लिए किया जाता है।

बार कोड रीडर (Bar Code Reader)

बार कोड रीडर (BCR) का उपयोग बार कोड को स्कैन करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, बार कोड स्कैनर का उपयोग बैंकों या मॉल में किसी उत्पाद पर बार कोड को स्कैन करने के लिए किया जाता है।

मैग्नेटिक करैक्टर रिकॉग्निशन (Magnetic Character Recognition)

चुंबकीय करैक्टर रिकॉग्निशन (MICR) का उपयोग चुंबकीय स्याही (मैग्नेटिक इंक) में छिपे वर्ण को पहचानने के लिए किया जाता है। जैसे बैंकों में चेक को क्लियर करने के लिए।

ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (Optical Mark Recognition)

परीक्षा में उत्तर पुस्तिका को स्कैन करने के लिए ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन डिवाइस (OMR) का उपयोग किया जाता है।

स्कैनर के उपयोग (Uses Of Scanner In Hindi)

  • आज स्कैनर का बहुत महत्व है इसका उपयोग कई चीजों के लिए किया जाता है।
  • किसी भी कागज और छवि को स्कैन करने में।
  • स्कैनर के जरिए कोई भी दस्तावेज कंप्यूटर में अपलोड किया जा सकता है।
  • MICR का उपयोग बैंकों में चेक समाशोधन के लिए किया जाता है।
  • परीक्षा में मिली ORM शीट को ORM (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) द्वारा स्कैन किया जाता है।
  • विशेष वर्ण की पहचान करना में उपयोगी है।
  • जब भी आप कोई फॉर्म भरते हैं तो आपकी डिटेल्स जैसे मार्कशीट, पैन कार्ड आदि स्कैनर के जरिए ही कंप्यूटर में स्टोर की जाती हैं।

स्कैनर के फायदे (Advantage Of Scanner In Hindi)

  • स्कैनर अच्छी छवि क्वालिटी देते हैं।
  • यदि किसी दस्तावेज में कोई त्रुटि है तो उसे कम्प्यूटर में स्टोर कर एडिट करके ठीक किया जा सकता है।
  • स्कैनर अपना काम पूरी सफाई के साथ करते हैं।
  • विभिन्न दस्तावेजों को स्कैन करने के लिए विभिन्न प्रकार के स्कैनर आते हैं।
  • आप दस्तावेज़ को स्कैन करके उसका आकार बदल सकते हैं।

स्कैनर के नुकसान (Disadvantage Of Scanner In Hindi)

  • कई मामलों में स्कैन किए गए दस्तावेज़ की क्वालिटी कम हो जाती है।
  • स्कैन किए गए दस्तावेज़ कंप्यूटर में बहुत अधिक जगह लेते हैं।

FAQs For Scanner In Hindi

स्कैनर को हिंदी में क्या कहते है?
स्कैनर को हिंदी में चित्रान्वीक्षक कहा जाता है।

MICR कौन सा डिवाइस है?
MICR (मैग्नेटिक कैरेक्टर रिकॉग्निशन) एक इनपुट डिवाइस है।

स्कैनर की खोज किसने की थी?
स्कैनर का आविष्कार 1957 में रसेल ए किर्श ने किया था।

स्कैनर और प्रिंटर में अंतर क्या है?
कंप्यूटर में सहेजी गई सॉफ्ट कॉपी को प्रिंटर द्वारा हार्ड कॉपी में बदल दिया जाता है, जबकि हार्ड कॉपी को स्कैनर द्वारा सॉफ्ट कॉपी में बदलकर कंप्यूटर में सहेजा जाता है।

पहला फ्लैटबेड स्कैनर का आविष्कार किसने किया था?
1975 में, रे कुर्ज़ावेली ने पहले फ्लैटबेड स्कैनर का आविष्कार किया था।

स्कैनर कौन सा डिवाइस है?
स्कैनर कंप्यूटर का एक इनपुट डिवाइस है।

स्कैनर का कार्य क्या है?
स्कैनर हार्ड कॉपी को स्कैन कर सॉफ्ट कॉपी में बदल कर कंप्यूटर में स्टोर करता है।

कैसे स्कैन करते है?
कोई भी दस्तावेज जिसे स्कैन करना होता है उसे स्कैनर के अंदर रखा जाता है। स्कैनर्स पहले दस्तावेज़ को स्कैन करते हैं और फिर स्कैन किए गए दस्तावेज़ को प्रोसेसिंग के लिए कंप्यूटर सिस्टम में संग्रहीत किया जाता है।

सॉफ्ट कॉपी किसे कहते है?
सॉफ्ट कॉपी उसे कहते है जिसे हम केवल देख सकते हैं लेकिन भौतिक रूप से छू नहीं सकते । सॉफ्ट कॉपी को हम इलेक्ट्रॉनिक कॉपी भी कहते हैं।

हार्ड कॉपी किसे कहते है?
हार्ड कॉपी उसे कहते है जिसे हम भौतिक रूप से छू सकते हैं और देख सकते हैं। हम अपने उपयोग के लिए अपने कुछ डेटा को एक पेपर पर प्रिंट कर लेते हैं, इसे हार्ड कॉपी कहते हैं।

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लेख के बारे में –

हमने आपको इस लेख में बताया है कि स्कैनर क्या है और स्कैनर के प्रकार के बारे में जानकारी दी।

इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि आधुनिक समय में स्कैनर कितना जरूरी है, इसकी मदद से हम कई तरह के काम आसानी से कर सकते हैं।

हमें उम्मीद है कि स्कैनर क्या है (Scanner Kya Hota Hai) पर लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा।

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