सेब ठंडा होता है या गरम, सेब की तासीर कैसी होती है (Apple Ki Taseer Kaisi Hoti Hai)

सेब ठंडा होता है या गरम – सेब का स्वाद खट्टा-मीठा होता है इसलिए बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस फल को खाना पसंद करता है। आपको बता दें कि इस फल को खाली पेट खाने से अनगिनत फायदे होते हैं। सेब एक ऐसा फल है जो कई पौष्टिक गुणों से भरपूर माना जाता है।

जितना खाने में सेब स्वादिष्ट होता है उतना ही यह सेहत के लिए फायदेमंद भी होता है। सेब पोषक तत्वों से परिपूर्ण होते हैं। इनमें पोटेशियम, फास्फोरस, मैंगनीज के साथ-साथ विटामिन सी, विटामिन बी6 और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। यह न सिर्फ शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों को भी आपसे दूर रखता है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी रोजाना एक सेब खाने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आप जानते है सेब की तासीर कैसी होती है (Seb Ki Taseer Kaisi Hoti Hai), अगर नहीं तो आइये जानते है –

सेब ठंडा होता है या गरम (सेब की तासीर ठंडी होती है या गर्म)

सेब ठंडा होता है, सेब की तासीर ठंडी होती है। यही कारण है कि आयुर्वेद सुबह सेब खाने की सलाह नहीं देता है। सेब की प्रकृति ठंडी होने के कारण यह शरीर में कफ दोष को बढ़ाता है। इसलिए सेब के साथ या उसके बाद खाने की चीजों का चुनाव बहुत सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि ये सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सेबफल खाने के कम से कम आधे घंटे बाद तक पानी पीना चाहिए और बाकी चीजों का सेवन सेब खाने के कम से कम 2 घंटे बाद करना चाहिए।

सेब (Apple) खाने के बाद क्या खाने से बचना चाहिए

अगर आप सेब खाने के तुरंत बाद पानी पीते हैं तो इसका असर पेट के पीएच लेवल पर पड़ता है। इससे पाचन में गड़बड़ी, आंत में सूजन और अपच की समस्या हो सकती है। त्वचा पर झुर्रियां और फाइन लाइन्स की समस्या भी हो सकती है।

सेब और मूली दोनों की तासीर ठंडी होती है। इसलिए सेब के साथ या उसके बाद मूली का सेवन करने से शरीर में कफ बढ़ता है। यह आपकी पाचन अग्नि को प्रभावित करता है और पाचन समस्याओं का कारण बनता है। कुछ मामलों में, इससे त्वचा पर चकत्ते भी हो सकते हैं।

मूली की तरह दही की भी तासीर ठंडी होती है। इसके सेवन से शरीर में कफ भी बढ़ता है और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं।

सेब खाने के बाद या सेब के साथ में खट्टे फल जैसे की संतरा, आंवला, नींबू आदि का सेवन कारण से बचना चाहिए, क्योंकि इससे पेट में साइट्रिक एसिड बढ़ जाता है, जिससे पेट या सीने में जलन हो सकती है। इससे कब्ज, अपच, एसिडिटी और सूजन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

सेब खाने के बाद खट्टे फलों की तरह अचार का सेवन करने से भी पेट में साइट्रिक एसिड बढ़ जाता है और पेट संबंधी परेशानियां होने लगती हैं।

सेब के फायदे

ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप और दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी के मौसम में हृदय रोग के कारण सीने में दर्द भी बढ़ सकता है। ऐसे में सेब में मौजूद घुलनशील फाइबर आपकी मदद कर सकता है। फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।

अगर 2-3 सेब खाए जाएं तो कोलेस्ट्रॉल लेवल 5-13 फीसदी तक कम हो जाता है। ऐसे कई अध्ययन किए गए जिनमें देखा गया कि सेब के सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल 7 प्रतिशत तक कम हो जाता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल 12 प्रतिशत बढ़ जाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह से पीड़ित लोग गर्मी के मौसम की तुलना में ठंड के मौसम में उच्च रक्त शर्करा के स्तर से जूझते हैं। इसलिए मौसम बदलते ही उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। सेब के दैनिक सेवन में इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने की क्षमता होती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो जाता है।

सर्दी के मौसम में हम अक्सर भारी खाना खाते हैं, जिसे पचाने में हमारे पेट को काफी मेहनत करनी पड़ती है। सेब में मौजूद पेक्टिन पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है और कब्ज से भी राहत दिलाता है। सेब में मैलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है, जो पाचन क्रिया को अच्छा बनाए रखता है।

सर्दियों के मौसम में हम कैलोरी युक्त खाना खाते हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा हमारे एक्टिविटी लेवल में बदलाव, आलस्य और मानसिक स्वास्थ्य भी वजन बढ़ने का कारण बनते हैं। अगर आप सर्दियों में भी वजन मेन्टेन करके रखना चाहते हैं तो सेब अवश्य खाएं। इस फल में न केवल कैलोरी कम होती है, बल्कि यह फाइबर का भी एक उच्च स्रोत है, जो सूजन को रोककर आंत को स्वस्थ रखता है।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको सेब ठंडा होता है या गरम, सेब की तासीर कैसी होती है (Apple Ki Taseer Kaisi Hoti Hai) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख सेब ठंडा होता है या गरम (Apple Thanda Hai Ya Garam) अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।

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