महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए, प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए?

महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए – रक्त शरीर को स्वस्थ रखने और सभी अंगों के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में सहायक भूमिका निभाता है। खून की सही मात्रा शरीर के लिए बहुत जरूरी है। शरीर में रक्त की मात्रा वजन, उम्र और लिंग पर निर्भर करती है। शरीर के वजन के अनुसार शरीर में रक्त की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है। बच्चों और वयस्कों में रक्त की आवश्यकता उनकी उम्र के अनुसार अलग-अलग होती है।

कहा जाता है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी या खून की कमी हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। रक्तदान करने के तीन महीने बाद शरीर पीठ से इतना रक्त बनाता है, जिसे दोबारा दान किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए, प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए (Mahila Ke Sharir Me Kitna Blood Hona Chahiye) –

महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए (Blood In Woman In Hindi)

शरीर में खून की कमी कई गंभीर बीमारियों को न्यौता दे सकती है। आमतौर पर पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13.5 ग्राम से 17.5 ग्राम जबकि महिलाओं में 12.0 से 15.5 ग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए। इसकी कमी से अत्यधिक रक्तस्राव, ल्यूकेमिया, लीवर संबंधित रोग, हाइपोथायराइड और किडनी संबंधी रोग हो सकते हैं।

एक महिला के शरीर में 12 से 16 ग्राम हीमोग्लोबिन होना सामान्य बात है। जबकि गर्भवती महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का 11 से 15 ग्राम होना सामान्य है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान आरबीसी यानी रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम हो जाती है।

प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए (Blood In Pregnant Woman In Hindi)

गर्भवती महिला में औसतन 12 ग्राम खून की मात्रा होना चाहिए, आजकल महिलाओं में सिर्फ 8 ग्राम ही खून होता है, जो सर्जरी करने में खतरा बन सकता है।

शरीर में खून की कमी के लक्ष्ण

बहुत कमजोर और थका हुआ महसूस करना, की धड़कन तेज़ होना, त्वचा का पीला पड़ना, चक्कर आना या बेहोशी, साँस की समस्या होना।

खून में हीमोग्लोबिन कम हो तो –

अगर किसी के खून में हीमोग्लोबिन कम है तो वह एनीमिया की चपेट में होगा। इस स्थिति में थकान, कमजोरी, त्वचा का पीलापन, सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथ-पैरों में ठंडक, सिर दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया होने वाले बच्चे के लिए खतरा हो सकता है।

हीमोग्लोबिन नॉर्मल से कम होने के कारण – आयरन की कमी, विटामिन बी12 की कमी, फॉलेट की कमी, थायरॉयड, थैलीसीमिया, ब्लीडिंग, कैंसर, किडनी की बीमारी और लिवर की बीमारी।

अगर शरीर में हीमोग्लोबिन कम है तो फूलगोभी, मांस, केला, पालक, ग्रीन बीन्स, बंदगोभी, मसूर की दाल, टोफू, बेक्ड आलू, फोर्टिफाइड अनाज, एवोकाडो, चावल, राजमा, हरी मटर खाने से यह कमी पूरी हो जाती है। खट्टे फल जैसे स्ट्रॉबेरी, संतरा, हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से भी हीमोग्लोबिन की कमी दूर होती है।

खून की कमी पूरी कैसे करे?

चुकंदर का जूस पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। इसके अलावा गुड़ में मूंगफली मिलाकर खाने से भी शरीर में आयरन की पूर्ति होती है। सेब एनीमिया में लाभकारी होता है। इसके नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन बनता है।

लाल रंग का चुकंदर आयरन की कमी को तुरंत दूर करता है, हीमोग्लोबिन बढ़ता है। फलों में अनार सर्वोत्तम है। रोजाना सूखे मेवे खाने की आदत डालें। गुड़ खाना आयरन की कमी को दूर करने का एक देसी तरीका है।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए, प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए के बारे में जानकारी प्रदान की है। इसके अलावा शरीर में खून की कमी के लक्ष्ण और शरीर में खून की कमी को पूरा कैसे करे, इसके बारे में भी जानकारी दी है।

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