मंत्र सिद्धि के 12 नियम – 12 Rules For Mantra Siddhi In Hindi

मंत्र सिद्धि के 12 नियम – अगर किसी भी मंत्र का जाप सही तरीके से किया जाए तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में मंत्र जाप से पहले उससे जुड़े नियमों को जानना जरूरी है। मंत्र सिद्धि के कुछ नियम होते हैं। अगर आप उन नियमों का पालन करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी।

मंत्र सिद्धि के 12 नियम (Mantra Siddhi Ke 12 Niyam)

शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय के समय मंत्र जाप करना सर्वोत्तम माना गया है। मंत्र जाप से पहले संकल्प लेना जरूरी माना जाता है। इसके बाद ही मंत्र जाप शुरू करना चाहिए। इससे सफलता की प्राप्ति होती है।

शरीर का शुद्धिकरण आवश्यक है। इसलिए स्नान करने के बाद ही आसन ग्रहण करना चाहिए। साधना करने के लिए हल्के रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना सर्वथा उचित रहता है।

साधना के लिए कुश के आसन पर बैठना चाहिए क्योंकि कुश ऊष्मा का सुचालक है। और जिसके कारण मंत्र जाप से उत्पन्न ऊर्जा हमारे शरीर में समाहित हो जाती है।

रीढ़ की हड्डी (मेरूदण्ड) को हमेशा सीधा रखना चाहिए, ताकि सुषुम्ना में प्राण का प्रवाह आसानी से हो सके।

साधारण जप में तुलसी की माला का प्रयोग करना चाहिए। किसी कार्य की सिद्धि की कामना के लिए चंदन या रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना लाभकारी होता है। शिव साधना रुद्राक्ष की माला से करनी चाहिए।

ब्रह्ममुहूर्त में उठकर साधना करनी चाहिए क्योंकि सुबह का समय शुद्ध वायु से भरपूर होता है। साधना नियमित एवं निश्चित समय पर ही करनी चाहिए।

आप जिस देवता का जप कर रहे हैं उसकी छवि जप करते समय ध्यान में रखनी चाहिए।

मंत्र की शक्ति का अनुभव करने के लिए प्रतिदिन कम से कम एक माला का जाप करना चाहिए।

मंत्र जाप सुबह पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए और शाम को पश्चिम दिशा की ओर मुख करके जाप करना सर्वोत्तम माना जाता है।

मंत्र सिद्धि के लिए जरूरी है कि मंत्र को गुप्त रखा जाए। मंत्र- साधक के बारे में किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए कि वह किस मंत्र का जाप या जाप कर रहा है। मंत्र जप के समय यदि कोई आसपास हो तो मानसिक जप करना चाहिए।

मंत्र जाप के साथ पूजा करना भी अनिवार्य माना गया है। इसके लिए रोजाना भगवान की पूजा और आरती करें। अपने इष्टदेव की पूजा के बाद ही मंत्रों का जाप करना चाहिए।

मंत्र जाप करते समय अपने मन और मस्तिष्क को एकाग्र रखना जरूरी है। मंत्र जाप के समय छींक आना, ठीक से न बैठना, क्रोध करना आदि वर्जित माने गए हैं। इन कामों को करने से मंत्र जाप का पूरा फल नहीं मिलता है।

यदि मंत्रों का जाप करते समय उचित माला का प्रयोग किया जाए तो मंत्रों से मिलने वाला लाभ और भी अधिक बढ़ जाता है। मंत्र के लिए मूंगे की माला, मोती की माला, कमल गट्टे की माला, तुलसी और रुद्राक्ष की माला आदि का उपयोग करना सर्वोत्तम माना जाता है।

कुछ अन्य नियम –

जिस आसन पर बैठकर आप अनुष्ठान या साधन करते हैं उसे कभी भी पैरों से नहीं सरकाना चाहिए। कई लोग बैठने से पहले अपने पैरों से सरकाना को एडजस्ट करते हैं। ऐसा करने से आसन दोषपूर्ण हो जाता है और उस पर बैठकर की गई साधना सफल नहीं होती है।

जिस माला से आप जाप कर रहे हैं उसे कभी भी खूंटी या कील पर न लटकाएं। इससे माला की सिद्धि समाप्त हो जाती है। जाप के बाद माला को गौमुखी में रखें या किसी कपड़े में लपेट लें ताकि आपकी जाप माला के संपर्क में कोई और न आए।

जप साधना के दौरान हल्का भोजन करें, ताकि मन और शरीर विकारों से मुक्त रहे। इसके अलावा साधक को थाली में भोजन आवश्यकतानुसार ही लेना चाहिए। थाली में झूठा खाना छोड़ने से बचना चाहिए, इससे अन्नपूर्णा देवी का अपमान होता है।

जप करते समय पैरों को अनावश्यक रूप से हिलाने या आपस में रगड़ने से बचना चाहिए। जप करते समय आपकी ऊर्जा मूलाधार से सहत्रधार चक्र की ओर बढ़ती है। ऐसा करने से आपकी ऊर्जा फिर से मूलाधार पर पड़ने लगेगी।

ध्यान के दौरान क्रोध करने से बचें। चुप रहना ही बेहतर है, शौच करते समय नहीं बोलना चाहिए, ऐसा करने से जीभ दूषित हो जाती है और दूषित जीभ से किए गए मंत्र कभी सफल नहीं होते।

यदि साधना के दौरान आपको छींक या जंभाई आदि आती है तो वायु दोष उत्पन्न होता है और आपके जप का पुण्य कम हो जाता है। इस दोष से मुक्ति के लिए तांबे के लोटे में जल और तुलसी डालकर जप के समय अपने पास रखें। जप के दौरान जब भी ऐसी कोई समस्या हो तो तुरंत ही लोटे में रखे जल को माथे और दोनों आंखों पर लगा लें। इससे दोष दूर हो जाता है।

जाप समाप्त करने के बाद आसन छोड़ने से पहले जमीन पर थोड़ा पानी डालें और इस जल को माथे और दोनों आंखों पर लगाएं। ऐसा करने से आपके जप का फल आपके पास रहेगा।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको मंत्र सिद्धि के 12 नियम – 12 Rules For Mantra Siddhi In Hindi के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख मंत्र सिद्धि के 12 नियम (Mantra Siddhi Ke 12 Niyam) अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।

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