ग्रीन टी की तासीर कैसी होती है, ग्रीन टी की तासीर गर्म होती है या ठंडी

ग्रीन टी की तासीर कैसी होती है – आजकल की जिंदगी में लोग सेहत का ख्याल रखना मानो भूल ही गए हैं। ऐसे में जब भी लोगों को थोड़ा समय मिलता है तो वे ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं। ग्रीन टी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है, इस बात से कोई भी अंजान नहीं है। वजन घटाने से लेकर त्वचा की चमक बरकरार रखने तक हर चीज के लिए लोग ग्रीन टी का सहारा लेते हैं। लेकिन इसके लिए यह जानना भी बहुत जरूरी है कि ग्रीन टी की तासीर कैसी होती है, ग्रीन टी कब और कितनी मात्रा में पीना चाहिए। तो आइये जानते है –

ग्रीन टी की तासीर कैसी होती है (Green Tea Ki Taseer Kaisi Hoti Hai)

ग्रीन टी की तासीर गर्म होती है। लेकिन खाली पेट ग्रीन टी पीना हानिकारक होता है। ग्रीन टी में कई तरह की जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं। इसे खाली पेट पीने से दिमाग में गर्मी पैदा होती है। इससे माइग्रेन होने की संभावना रहती है।

खाली पेट ग्रीन टी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म पर सीधा असर पड़ता है। ऐसा करने से पेट में जलन, भूख न लगना और एसिडिटी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगों का पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। खाली पेट एक कप से ज्यादा ग्रीन टी पीने से बीपी बढ़ने का डर रहता है। कोशिश करें कि सुबह बिस्किट, भुने चने या कोई भी फल खाने के बाद ग्रीन टी पिएं। जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर है उन्हें ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए, अन्यथा डायरिया की समस्या हो सकती है।

एक कप ग्रीन टी में 24-25 मिलीग्राम कैफीन होता है। इसका मतलब है कि अगर आप दिन में 4 से 5 कप ग्रीन टी पीते हैं तो कैफीन की मात्रा बढ़ जाएगी। जिससे घबराहट, चक्कर आना, डायबिटीज, कब्ज, अनिद्रा, सीने में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे दिन में दो से तीन बार ही पीना फायदेमंद होता है।

अगर आप ग्रीन टी पीना चाहते हैं तो इसे खाने के बीच में पियें। लेकिन, खाने के साथ नहीं, क्योंकि इसमें कैटेचिन मौजूद होता है. जो हमारे शरीर में आयरन को अवशोषित करने में कठिनाई पैदा करता है, जिससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। इसलिए खाने के साथ ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए।

ग्रीन टी के साथ नर्वस सिस्टम के लिए बनी दवाइयों को न पियें। कुछ दवाओं के साथ मिलाने पर ग्रीन टी नुकसान पहुंचा सकती है। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।

अगर आप गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद भी अपने बच्चे को स्तनपान करा रही हैं तो ग्रीन टी का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें। इसकी अधिक मात्रा गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन दूध के जरिए बच्चे तक भी पहुंचता है, जो उसकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है।

ग्रीन टी पीने का सही तरीका

भोजन से कम से कम 1 घंटा पहले ग्रीन टी पियें। ग्रीन टी में टैनिन होता है, भोजन से तुरंत पहले इसे पीने से कब्ज, पेट दर्द या मतली हो सकती है। सुबह खाली पेट ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए। थोड़ा-थोड़ा खाने के बाद ही सेवन करें। दिन भर में 3 कप से ज्यादा ग्रीन टी न पियें। कई बार सोने से पहले ग्रीन टी पीने से नींद नहीं आती। ग्रीन टी सुबह-शाम पीनी चाहिए। ऐसा करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।

ग्रीन टी पीने का सही समय

सुबह 10 से 11 बजे के बीच, नाश्ते के बाद शाम 5 से 6 बजे तक और रात को सोने से 2 घंटे पहले ग्रीन टी पीनी चाहिए।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको ग्रीन टी की तासीर कैसी होती है, ग्रीन टी की तासीर गर्म होती है या ठंडी के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख ग्रीन टी की तासीर कैसी होती है (Green Tea Ki Taseer Kaisi Hoti Hai) अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।

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