फैटी लिवर में घी खाना चाहिए की नहीं, फैटी लिवर में कौन सा तेल खाना चाहिए

फैटी लिवर में घी खाना चाहिए की नहीं – बदलती लाइफस्टाइल का सबसे ज्यादा असर जिस चीज पर पड़ता है वो है सेहत। आजकल डायबिटीज और बीपी के अलावा जिस बीमारी से लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं वो है फैटी लीवर। खासकर युवाओं में फैटी लीवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है।

फैटी लीवर एक बहुत ही गंभीर समस्या है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह लिवर सिरोसिस जैसी बड़ी बीमारी में बदल जाती है। फैटी लिवर में लिवर पर फैट जमा हो जाता है जिससे लिवर फेल होने का खतरा रहता है। इस बीमारी में बहुत सीमित मात्रा में वसा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अगर फैटी लिवर की समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो यह आगे चलकर हेपेटाइटिस बी का भी रूप ले सकती है।

आज के इस लेख में हम आपको फैटी लिवर में घी खाना चाहिए की नहीं, फैटी लिवर में कौन सा तेल खाना चाहिए आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –

फैटी लिवर में घी खाना चाहिए या नहीं (Fatty Liver Me Ghee Khana Chahiye Ya Nahi)

भले ही देसी घी में हेल्दी फैट होता है, लेकिन यह कब्ज के इलाज और त्वचा को चमकदार बनाने में फायदेमंद है। लेकिन कुछ लोगों को भूलकर भी घी का सेवन नहीं करना चाहिए। फैटी लिवर के मरीजों को घी नहीं खाना चाहिए।

अगर आप नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के मरीज हैं या लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो गए हैं तो इन परिस्थितियों में घी का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। फैटी लिवर की समस्या होने पर घी जहर की तरह काम करता है और नुकसान पहुंचाता है।

फैटी लिवर में कौन सा तेल खाना चाहिए (Fatty Liver Me Kaun Sa Tel Khana Chahiye)

सरसों का तेल

सरसों के तेल में पकाए गए भोजन का सेवन पाचन एंजाइमों को बढ़ाकर यकृत और प्लीहा को मदद कर सकता है। जिससे स्वस्थ और तेज पाचन में मदद मिलती है, मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है। इस तरह यह फैट बर्न करने और अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, सरसों के तेल की डायाफोरेटिक क्षमता शरीर से विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने और बाहर निकालने में मदद करती है।

जैतून का तेल

जैतून का तेल स्वस्थ वसा का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैट फैटी लिवर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अध्ययन में पाया गया है कि जैतून का तेल लिवर में जमा वसा को कम करने में बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

कैनोला तेल

जैतून के तेल की तरह, कैनोला तेल में फैटी पॉलीअनसेचुरेटेड वसा होती है, जो इसे फैटी लीवर के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद बनाती है।

तिल का तेल

तिल के तेल में कई यौगिक और गुण मौजूद होते हैं, जो फैटी लिवर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसमें एलानिन एमिनोट्रांस्फरेज़, एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़ होता है, यह फैटी लीवर वाले लोगों की स्थिति में सुधार करने और इससे राहत पाने में मदद कर सकता है।

फैटी लिवर में कौन सा फल खाना चाहिए (Fatty Liver Me Kaun Sa Fal Khana Chahiye)

सेब

सेब को हमेशा से ही सेहत के लिए बेहतरीन बताया गया है। अगर आप फैटी लीवर की समस्या से जूझ रहे हैं या इससे बचना चाहते हैं तो दोनों ही परिस्थितियों में अपनी डाइट में सेब का सेवन करें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर आप रोजाना सेब खाते हैं तो यह आपको फैटी लिवर की बीमारी से बचाने में मददगार होगा। सेब लिवर में जमा फैट को नियंत्रित करने या कम करने में कारगर है।

संतरे

फैटी लीवर रोग से पीड़ित व्यक्ति के लीवर में घाव हो जाते हैं। इन घावों को ठीक करने के लिए विटामिन सी की आवश्यकता होती है। संतरे में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। इसलिए फैटी लीवर से पीड़ित व्यक्ति के लिए संतरे का सेवन फायदेमंद होता है।

पपीता

फैटी लिवर के मरीजों के लिए भी पपीता फायदेमंद है। इसके सेवन से ना सिर्फ लिवर अच्छे से काम करता है बल्कि पाचन क्रिया भी ठीक रहती है। इस कारण इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को पपीते का सेवन जरूर करना चाहिए।

एवोकाडो

फैटी लीवर से पीड़ित व्यक्ति को भी एवोकाडो का सेवन करना चाहिए। इसे खाने से आपका लीवर स्वस्थ रहेगा। यह न सिर्फ आपके लिवर को नुकसान से बचाता है बल्कि लिवर को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको फैटी लिवर में घी खाना चाहिए की नहीं, फैटी लिवर में कौन सा तेल खाना चाहिए आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख फैटी लिवर में घी खाना चाहिए की नहीं अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।

Leave a Comment