देर से शादी करने के नुकसान क्या है (Disadvantages Of Marrying Late In Hindi)

देर से शादी करने के नुकसान – शादी का फैसला हर किसी का निजी होता है लेकिन हमारे समाज में एक उम्र के बाद शादी का दबाव बढ़ने लगता है। रिश्तेदार, दोस्त या फिर खुद परिवार वाले भी उन पर शादी के लिए दबाव डालने लगते हैं। शादी के लिए पूरा समय निकालना सही है लेकिन ज्यादा देर करने के नुकसान भी होते हैं। अगर आप सही उम्र में शादी नहीं करते हैं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

आज के इस लेख में हम आपको देर से शादी करने के नुकसान, क्या है के बारे में जानकारी देने वाले है। अगर आप निम्नलिखित जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आज के इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े। तो आइये जानते है –

देर से शादी करने के नुकसान (Der Se Shadhi Karne Ke Nuksan In Hindi)

शादी के लिए पूरा समय निकालना सही है। लेकिन ज्यादा देरी करने के कई नुकसान भी हैं। सही उम्र में शादी न करना क्यों हानिकारक होता है। तो आइये जानते है –

जब शादी में देरी होती है तो प्राथमिकताओं और जिम्मेदारियों के बोझ के कारण जोड़े झगड़ने लगते हैं।

एक उम्र के बाद कपल्स एक-दूसरे को समझ नहीं पाते हैं, जिसके कारण उनके बीच झगड़े होने लगते हैं।

बढ़ती उम्र के कारण महिलाओं को शारीरिक अंतरंगता में रुचि नहीं रहती जिसके कारण वे उदासीन रहने लगती हैं।

30 साल की उम्र के बाद महिलाओं में बांझपन कम होने लगता है और गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।

देर से शादी करने वाले लोगों को अक्सर अपनी पसंद का पार्टनर नहीं मिल पाता है।

देर से शादी करने के बावजूद युवा रिश्तों से ज्यादा करियर को महत्व देते हैं, जिससे मनमुटाव होता है।

देर से शादी करने वाले जोड़ों से परिवार वालों की पहली उम्मीद माता-पिता बनने की होती है, जिसके कारण वे दबाव महसूस करते हैं।

देर से शादी करने वाले जोड़े एक-दूसरे से जुड़ नहीं पाते हैं, जिससे उनकी बॉन्डिंग अच्छी नहीं रहती है।

देर से शादी करने वालों की अकेले रहने की आदत उनके वैवाहिक जीवन पर असर डालती है।

अधिक उम्र में शादी करने से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कम होने लगता है। इस कारण अंतरंगता में रुचि कम होने लगती है।

आजकल लोग अपने जीवन में रिश्तों से ज्यादा करियर को प्राथमिकता देते हैं। देर से शादी करने के बाद कपल्स एक-दूसरे को ज्यादा समय नहीं दे पाते, वे अपना ज्यादा समय अपने काम और करियर को देते हैं।

ऐसे में रिश्ते में मनमुटाव बढ़ने लगता है। जिसके कारण उनका रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं टिक पाता है।

उम्र बढ़ने के साथ-साथ अहंकार का स्तर भी बढ़ता है जिसके कारण लड़ाई होने की संभावना रहती है क्योंकि दोनों में से कोई भी झुकने के लिए तैयार नहीं होता है।

30 साल की उम्र के आसपास महिलाओं में प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। 35 साल की उम्र के बाद यह और तेजी से कम होने लगती है। जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, उसके गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है और बांझपन की संभावना बढ़ जाती है।

शादी करने की सही उम्र क्या होती है (Shaadhi Karne Ki Sahi Umra Kya Hoti Hai)

शादी करने की सही उम्र लड़कियों के लिए – 24 से 25 साल बाद और लड़को के लिए  27 से 28 साल है।

कम उम्र में शादी करने से क्या होता है (Kam Umra Me Shaadhi Karne Se Kya Hota Hai)

फायदे – कम उम्र में शादी करने से लड़के-लड़कियां एक-दूसरे के साथ ज्यादा समय बिता पाते हैं और उन्हें एक-दूसरे को समझने का भी ज्यादा समय मिलता है। इसके अलावा लड़कियां अपने पति के परिवार में अच्छे से घुल-मिल जाती हैं और उन्हें अपने ससुराल वालों की आदतों में ढलने में ज्यादा समय नहीं लगता है।

नुकसान – इस उम्र में शादी करने से लड़के-लड़कियां न तो अपनी पहचान बना पाते हैं और न ही ज्यादा पढ़-लिख पाते हैं। वहीं दूसरी ओर परिवार की देखभाल की जिम्मेदारियां भी समय से पहले उन पर आ जाती हैं। कम उम्र में शादी करने से लड़कों की तुलना में लड़कियों को अधिक नुकसान होता है क्योंकि वे अपना पूरा जीवन अपने ससुराल वालों के कर्तव्यों को पूरा करने और अपने रिश्तेदारों को खुश रखने में बिता देती हैं और उन्हें बाहरी दुनिया के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। वहीं कम उम्र में शादी करने से बच्चों का जन्म भी जल्दी हो जाता है, जिससे लड़कियों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और कम उम्र में मां बनने से उनके सिर पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ जाती है।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको देर से शादी करने के नुकसान, शादी करने की सही उम्र, और कम उम्र में शादी करने से क्या होता है के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख देर से शादी करने के नुकसान (Der Se Shaadhi Karne Ke Nuksan)अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।

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