खड़े होकर पानी पीने के नुकसान क्या क्या है?

खड़े होकर पानी पीने के नुकसान – हम सभी जानते हैं कि पानी हमारे जीवन के लिए कितना जरूरी है। पानी हमारे शरीर का अहम हिस्सा है, शरीर को स्वस्थ रखने और पानी का स्तर बनाए रखने के लिए पानी पीना जरूरी है।

लेकिन इसके लिए सही मात्रा में पानी पीना भी बहुत जरूरी है। कई शारीरिक कार्यों के लिए पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट उत्पादों को मूत्र और पसीने के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर साफ और स्वस्थ रहता है।

पानी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। निर्जलीकरण को रोकता है, जिससे सिरदर्द, थकान और कब्ज सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए हर दिन पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है।

यह शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ कई बीमारियों से भी बचाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो दिनभर में कम से कम 8 गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है। हालांकि, इतना ही काफी नहीं है, आपको यह भी पता होना चाहिए कि पानी पीने का सही तरीका क्या है। जी हां, पानी पीने का एक सही तरीका होता है और यह पानी पीने जितना ही जरूरी है।

जब पानी पीने की आदत की बात आती है तो आमतौर पर लोग जल्दबाजी में खड़े होकर पानी पीते हैं। हालांकि, इस तरह से पानी पीना कितना हानिकारक हो सकता है, यह कोई नहीं सोचता। तो आइए जानते हैं कि खड़े होकर पानी पीने से किस तरह के नुकसान हो सकते हैं –

खड़े होकर पानी पीने के नुकसान

फेफड़ों को नुकसान – जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन लीवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुंच पाते हैं, और यह सिस्टम से बहुत जल्दी गुजरता है, आपके फेफड़ों और हृदय के कार्य को नुकसान पहुंचाता है क्योंकि ऑक्सीजन का स्तर गड़बड़ हो जाता है।

बदहज़मी – खड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र को भी नुकसान पहुंचता है। क्‍योंकि जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो वह बड़ी तेजी के साथ भोजन नली के जरिए सीधे पेट के निचले हिस्‍से में गिरता है, जो हानिकारक होता है। खड़े होकर जल्दी से पानी पीने से नसें तनावग्रस्त हो जाती हैं, जिससे तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ता है, और टॉक्सिन्स, बदहज़मी बढ़ती है।

किडनी से जुडी समस्या – यह पाया गया है कि जब हम बैठे होते हैं तो हमारी किडनी बेहतर तरीके से फिल्टर करती है। ऐसे में जब खड़े होकर पानी पिया जाता है तो तरल पदार्थ बिना फिल्टर हुए सीधे पेट के निचले हिस्से में चला जाता है। इससे पानी में मौजूद अशुद्धियां मूत्राशय में जमा हो जाती हैं और किडनी की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचाती हैं। इससे मूत्र मार्ग से संबंधित रोग हो सकते हैं।

अन्य नुकसान

  • खड़े होकर पानी पीने से भोजन और वायु नली में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है। जो न सिर्फ फेफड़ों बल्कि दिल को भी प्रभावित करता है।
  • इस तरह पानी पीने से पेट के निचले हिस्से की दीवारों पर दबाव बनता है, जिससे पेट के आसपास के अंगों को काफी नुकसान पहुंचता है। इस बुरी आदत के कारण कई लोगों को हर्निया का शिकार भी होना पड़ता है।
  • खड़े होकर पानी पीने की आदत के कारण आपके शरीर से पानी का बहाव तेजी से होकर जोड़ों में जमा हो जाता है। जिसकी वजह से हड्डियों और जोड़ों पर इसका बुरा असर पड़ता है। हड्डियों के जोड़ वाले हिस्से में तरल पदार्थ की कमी होने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और जोड़ों में दर्द होने लगता है। हड्डियां कमजोर होने के कारण व्यक्ति गठिया जैसे रोग से ग्रसित हो सकता है।
  • खड़े होकर पानी पीने से पेट भले ही भर जाए लेकिन प्यास नहीं बुझती। प्यास बुझाने के लिए बैठकर छोटे-छोटे घूंट पानी के पिएं।
  • जब कोई व्यक्ति बैठकर पानी पीता है तो मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम रिलैक्स होता है और पानी आसानी से पच जाता है। वहीं खड़े होकर पानी पीने से अपच की समस्या हो जाती है।

पानी पीने का सही तरीका क्या है?

विशेषज्ञों के अनुसार पानी पीने का सही तरीका है कि इसे बैठकर पिएं। इसके लिए कुर्सी पर बैठ जाएं, पीठ सीधी रखें और फिर पानी पिएं। इससे पोषक तत्व मस्तिष्क तक पहुंचते हैं और गतिविधि में सुधार आता है। इतना ही नहीं, यह पाचन में भी सुधार करता है और पेट में सूजन या पेट फूलने की समस्या नहीं होती है।

बैठकर पानी पीने के फायदे

  • बैठकर पानी पीने से पानी सही तरीके से पचता है और शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचता है। किसी व्यक्ति के शरीर को जितना पानी चाहिए होता है, वह उसे सोखकर बाकी पानी और टॉक्सिन्स को यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकाल देता है।
  • गर्म पानी पीने से एक्स्ट्रा फैट नहीं बनता और वजन कम होता है।
  • बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते बल्कि खून साफ होता है।
  • घूंट-घूंट पानी पीने से पेट में एसिड का स्तर नहीं बढ़ता है बल्कि खराब एसिड बाहर निकल जाता है।

निष्कर्ष

गलत तरीके से पानी पीने से सेहत को फायदा नहीं बल्कि नुकसान होता है। व्यक्ति जिस पोजीशन में पानी पीता है उसका उसके स्वास्थ्य पर अच्छा या बुरा असर पड़ता है। आयुर्वेद में खड़े होकर पानी पीने की मनाही है। इस तरह से पानी पीने से इंसान की प्यास पूरी तरह नहीं बुझती साथ ही इससे शरीर के कई अहम अंगों पर बुरा असर भी पड़ता है। इसलिए खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए।

आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति जिस पानी का उपयोग पीने के लिए करते है उसका तापमान शरीर के तापमान से ज्यादा ठंडा नहीं होना चाहिए। गर्मी में बाहर से आते ही फ्रिज का ठंडा पानी पीना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में व्यक्ति को हमेशा न तो ठंडा और न ही बर्फ का पानी पीना चाहिए। पीने के लिए हमेशा सामान्य पानी का ही इस्तेमाल करें।

Leave a Comment